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6 दिसंबर, 1992. आजाद भारत की ये एक बड़ी तारीख बन चुकी है. अयोध्या में बाबरी ढांचा ध्वस्त किया गया. और इसी के साथ हिंदू-मुस्लिमों के बीच भरोसे के तार भी टूट गए. हिदुस्तान का सामाजिक ताना-बाना बिखर सा गया. तब से सरयू में बहुत पानी
बह चुका है. फिर भी गाहे-बगाहे अयोध्या, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर अलग-अलग सुर सुनाई दे जाते हैं. वक्त का पहिया चाहे जितना आगे बढ़ चुका हो, लेकिन इतिहास का ये पेज बार-बार खुल ही जाता है. वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की किताब ‘यु्द्ध में अयोध्या’ में उस दिन का पूरा किस्सा दर्ज है. हेमंत शर्मा उन दिनों ‘जनसत्ता’ के रिपोर्टर थे. और बाबरी ध्वंस के वक्त मौके पर मौजूद थे. हेमंत शर्मा लिखते हैं सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में सांकेतिक कारसेवा की इजाज़त दी थी. इसके लिए लाखों कारसेवक यहां पहुंच चुके थे. तनाव चरम पर था. और उस दिन राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था विश्व हिंदू परिषद के नेता विनय कटियार का घर. यहीं बीजेपी और वीएचपी के सारे नेता जुटे. यहां से विवादित स्थल पर पहुंचे. मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ से और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव दिल्ली से हालात का जायजा ले रहे थे. 6 दिसंबर 92 को और क्या-क्या हुआ आइए पढ़ते हैं मिनट दर मिनट ब्योरा. | Last Updated: 06/01/2019
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जानिए पूरी सच्चाई बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 6, December 1992
6 दिसंबर, 1992. आजाद भारत की ये एक बड़ी तारीख बन चुकी है. अयोध्या में बाबरी ढांचा ध्वस्त किया गया. और इसी के साथ हिंदू-मुस्लिमों के बीच भरोसे के तार भी टूट गए. हिदुस्तान का सामाजिक ताना-बाना बिखर सा गया. तब से सरयू में बहुत पानी
बह चुका है. फिर भी गाहे-बगाहे अयोध्या, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर अलग-अलग सुर सुनाई दे जाते हैं. वक्त का पहिया चाहे जितना आगे बढ़ चुका हो, लेकिन इतिहास का ये पेज बार-बार खुल ही जाता है. वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की किताब ‘यु्द्ध में अयोध्या’ में उस दिन का पूरा किस्सा दर्ज है. हेमंत शर्मा उन दिनों ‘जनसत्ता’ के रिपोर्टर थे. और बाबरी ध्वंस के वक्त मौके पर मौजूद थे. हेमंत शर्मा लिखते हैं सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में सांकेतिक कारसेवा की इजाज़त दी थी. इसके लिए लाखों कारसेवक यहां पहुंच चुके थे. तनाव चरम पर था. और उस दिन राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था विश्व हिंदू परिषद के नेता विनय कटियार का घर. यहीं बीजेपी और वीएचपी के सारे नेता जुटे. यहां से विवादित स्थल पर पहुंचे. मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ से और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव दिल्ली से हालात का जायजा ले रहे थे. 6 दिसंबर 92 को और क्या-क्या हुआ आइए पढ़ते हैं मिनट दर मिनट ब्योरा. | Last Updated: 06/01/2019
Photos: "Screenshots" From Babri Masjid [6. December 1992]
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